जब हम फूलगोभी का नाम सुनते हैं, तो ज़्यादातर लोगों के दिमाग में सफेद रंग की सब्ज़ी का ही चित्र आता है। लेकिन अब बाजारों और खेतों में बैंगनी, पीली, हरी और नारंगी रंगों की फूलगोभी भी दिखने लगी है। ये न सिर्फ दिखने में सुंदर होती हैं, बल्कि पोषण में भी बेहद खास होती हैं। अगर आप किसान हैं, बागवानी में रुचि रखते हैं, या सिर्फ एक सजग उपभोक्ता हैं – तो ये जानकारी आपके बहुत काम की है। आजकल की दुनिया दिखावे पर जा रही है, उन्हें खाने से ज्यादा चीजों के प्रति आकर्षण है, जो यह किसानों के लिए बहुत अच्छा अवसर हो सकता है। फूलगोभी पहले केवल सफेद रंग में आती थी और अब यह अनेक रंगों और अनेक फायदों के साथ आ रही है और मार्केट में काफी अधिक दामों पर बिक रही है। चलिए जानते हैं, इसे कैसे उगाते हैं और क्या-क्या इसके लाभ हैं। रंग-बिरंगी फूलगोभी की खेती कैसे करें
रंग-बिरंगी फूलगोभी क्या है?
रंग-बिरंगी फूलगोभी असल में परंपरागत फूलगोभी का ही उन्नत रूप है। इसे विशेष बीजों और किस्मों से उगाया जाता है, जिसमें प्राकृतिक रूप से रंग मौजूद होते हैं। ये रंग रासायनिक नहीं, बल्कि फाइटोन्यूट्रिएंट्स (Phytonutrients) जैसे प्राकृतिक तत्वों से आते हैं। उदाहरण के लिए:
रंग | प्रमुख तत्व | विशेषता |
---|---|---|
बैंगनी | एंथोसायनिन | एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर |
नारंगी | बीटा-कैरोटीन | विटामिन A से भरपूर |
पीली | ज़ेअन्थिन | आंखों के लिए लाभदायक |
हरी | क्लोरोफिल | डिटॉक्स में मददगार |
इस तरह से आप समझ सकते हैं कि ये फूलगोभी न सिर्फ देखने में आकर्षक है, बल्कि आपके शरीर के लिए भी बहुत लाभकारी है।

रंग-बिरंगी फूलगोभी की खेती कैसे करें?
- बीज का चुनाव:
सबसे पहले आपको अच्छी क्वालिटी के रंगीन फूलगोभी के बीज लेने होंगे। ये अब कई एग्री शॉप्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर मिल जाते हैं। बीज लेते समय यह देखना ज़रूरी है कि वे किस मौसम और मिट्टी के अनुसार अनुकूल हैं। - मौसम और मिट्टी:
ये फूलगोभी ठंडी जलवायु में अच्छे से उगती है। अक्टूबर से जनवरी के बीच इसकी खेती उपयुक्त मानी जाती है। मिट्टी अच्छी जलनिकासी वाली, दोमट और pH 6.0 से 7.5 होनी चाहिए। - बोवाई और देखभाल:
- बीज को पहले नर्सरी में बोएं और 25-30 दिन बाद खेत में रोपाई करें।
- प्रति पौधे के बीच 45-60 सेमी की दूरी रखें।
- सिंचाई समय-समय पर करते रहें, लेकिन पानी का जमाव न हो।
- कीट और रोग नियंत्रण:
चूंकि ये विशेष किस्में हैं, इसलिए कीटों से बचाव के लिए जैविक उपाय अपनाएं। नीम तेल, गोमूत्र आदि का छिड़काव फायदेमंद हो सकता है। - तोड़ाई (Harvesting):
जब फूल पूरी तरह रंगीन और परिपक्व हो जाए, तब उसे तोड़ लें। देर करने से रंग फीका पड़ सकता है।
इस तरह से आप समझ सकते हैं कि इसकी खेती सामान्य फूलगोभी जैसी ही है, बस बीज और देखभाल में थोड़ी सावधानी ज़रूरी है।
इसकी कीमत क्या है?
रंग-बिरंगी फूलगोभी की मांग शहरों, होटलों और ऑर्गेनिक मार्केट्स में तेजी से बढ़ रही है। सामान्य फूलगोभी जहां ₹20-₹30 प्रति किलो बिकती है, वहीं रंगीन फूलगोभी की कीमतें इस तरह हो सकती हैं:
रंग | अनुमानित कीमत (₹/किलो) | बाजार |
---|---|---|
बैंगनी | ₹80 – ₹120 | सुपरमार्केट, ऑनलाइन स्टोर्स |
नारंगी | ₹70 – ₹100 | ऑर्गेनिक शॉप्स |
पीली | ₹60 – ₹90 | शहरी मंडियां |
हरी | ₹50 – ₹80 | लोकल बाजार |
आपको यह ध्यान रखना होगा कि कीमत जगह, मौसम और डिमांड के अनुसार बदलती रहती है।

इसके स्वास्थ्य लाभ क्या हैं?
अब बात करते हैं सबसे जरूरी हिस्से की – इसके सेहत से जुड़े फायदे। आम फूलगोभी से अलग, रंग-बिरंगी फूलगोभी में खास पोषक तत्व पाए जाते हैं:
- एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर: ये शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं, जिससे कैंसर, हृदय रोग और उम्र बढ़ने की समस्याओं से बचाव हो सकता है।
- आंखों की सेहत: पीले और नारंगी रंग की फूलगोभी में विटामिन A और ज़ेअन्थिन होते हैं, जो दृष्टि में सुधार करते हैं।
- इम्यून सिस्टम मजबूत: बीटा-कैरोटीन और विटामिन C जैसे तत्व प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करते हैं।
- डायबिटीज में लाभकारी: इन फूलों में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है।
निष्कर्ष: क्या आपको इसे उगाना चाहिए?
अगर आप अपने खेत में कुछ नया और फायदेमंद उगाना चाहते हैं, या अपने घर की सब्ज़ी में कुछ रंग और सेहत जोड़ना चाहते हैं — तो रंग-बिरंगी फूलगोभी एक बेहतरीन विकल्प है। यह न सिर्फ अच्छी कमाई का ज़रिया बन सकती है, बल्कि आपकी थाली को भी पौष्टिक और सुंदर बना सकती है।
आपको यह ध्यान रखना होगा कि इसकी खेती में शुरुआत में थोड़ा ज्यादा ध्यान देना पड़ सकता है, लेकिन एक बार तकनीक समझ आ जाए तो यह लाभ का सौदा है।