DATE 29/9/2025
खेती-किसानी भारत की रीढ़ है, लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि आज भी लाखों किसान सीमित संसाधनों के साथ कठिन हालातों में अपनी ज़मीन पर पसीना बहा रहे हैं। कई जिले ऐसे हैं जहाँ खेती अब भी पुराने तरीकों से होती है, सिंचाई की सुविधा कम है, और किसान आर्थिक रूप से कमजोर हैं। इन्हीं चुनौतियों को देखते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री धन‑धान्य कृषि योजना की शुरुआत की है एक ऐसी पहल जो उन 100 पिछड़े जिलों में खेती की तस्वीर बदलने का इरादा रखती है जहाँ अब तक अपेक्षित विकास नहीं हो पाया। बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित इस योजना का मकसद है कृषि उत्पादकता बढ़ाना, किसानों की आमदनी सुधारना, और खेती को टिकाऊ बनाना। इस योजना से लगभग 1.7 करोड़ किसानों को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री धन‑धान्य कृषि योजना की मुख्य बातें
प्रधानमंत्री धन‑धान्य कृषि योजना, केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण और दूरगामी सोच वाली पहल है, जिसे खासतौर पर उन जिलों में लागू किया जाएगा जहां अब तक खेती को लेकर उतनी तरक्की नहीं हो पाई, जितनी होनी चाहिए थी। सरकार का स्पष्ट मानना है कि अगर किसानों को समय पर अच्छी किस्म के बीज, उर्वरक, सिंचाई की बेहतर सुविधा और सस्ता कृषि ऋण मिल जाए, तो ऐसे जिले भी सफल कृषि मॉडल बन सकते हैं। इस योजना का उद्देश्य केवल मदद देना नहीं, बल्कि खेती को एक ऐसा व्यवसाय बनाना है जिसमें किसान आत्मनिर्भर हो, मुनाफा कमाए और कृषि क्षेत्र देश की आर्थिक रीढ़ बनकर उभरे।
विषय | विवरण |
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योजना का नाम | प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PM Dhan‑Dhaanya Krishi Yojana) |
अवधि | 6 वर्ष (2025-2031 तक) |
वार्षिक बजट | ₹24,000 करोड़ |
कुल लाभ | लगभग 1.7 करोड़ किसान |
शामिल जिले | 100 कृषि-प्रमुख लेकिन पिछड़े जिले |
मुख्य उद्देश्य | कृषि उत्पादकता बढ़ाना, फसल विविधीकरण, सिंचाई सुविधा, भंडारण, और ऋण की सुविधा |

योजना का मकसद क्या है?
- कृषि उत्पादकता बढ़ाना — कम विकसित जिलों में खेती की पैदावार सुधारना।
- फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना — सिर्फ एक ही फसल पर निर्भरता कम करना।
- सिंचाई सुविधा मजबूत करना — आधुनिक और टिकाऊ सिंचाई साधन उपलब्ध कराना।
- कृषि ऋण की आसान पहुँच देना — किसानों को कम ब्याज दर पर किफायती लोन मुहैया कराना।
- भंडारण और फसल प्रबंधन सुधरना — फसल की सही देखभाल और बिक्री के लिए बेहतर सुविधाएं।
- तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण देना — किसानों को डिजिटल और वैज्ञानिक खेती की जानकारी देना।
- किसानों की आय बढ़ाना — खेती को लाभकारी व्यवसाय बनाना और किसानों को आत्मनिर्भर बनाना।
- कृषि क्षेत्र में पिछड़े जिलों का समग्र विकास — संसाधनों और योजनाओं के जरिए इन्हें सशक्त बनाना।
किन किसानों को मिलेगा लाभ?
आपको यह ध्यान रखना होगा कि यह योजना हर किसान के लिए नहीं है, बल्कि उन किसानों के लिए है जो:
- सीमांत किसान हैं (1 हेक्टेयर से कम ज़मीन वाले),
- छोटे किसान हैं (1-2 हेक्टेयर ज़मीन वाले),
- भूमिहीन कृषि मजदूर हैं,
- महिला किसान हैं,
- या युवा किसान हैं, जिन्हें अब तक सरकारी योजनाओं से भरपूर लाभ नहीं मिला।
इस तरह से आप समझ सकते हैं कि योजना खासकर उन लोगों के लिए है जिन्हें वाकई ज़रूरत है।

क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी?
सुविधा | विवरण |
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बीज और उर्वरक | उच्च गुणवत्ता वाले बीज, उर्वरक और कीटनाशक दिए जाएंगे |
सिंचाई उपकरण | ड्रिप, स्प्रिंकलर जैसे आधुनिक सिंचाई साधन उपलब्ध कराए जाएंगे |
भंडारण | फसल के बाद सुरक्षित रखने की सुविधा ताकि किसान अच्छा दाम मिलने तक उपज को रख सकें |
कृषि ऋण | कम ब्याज दर पर कृषि लोन, जिससे समय पर फसल की तैयारी हो सके |
डिजिटल एग्रीकल्चर | मौसम आधारित सलाह और तकनीकी सहयोग भी दिया जाएगा |
आवेदन की प्रक्रिया क्या है?
स्थानीय कृषि कार्यालय जाएं – अपने जिले के कृषि विकास अधिकारी से संपर्क करें।
फॉर्म भरें – जो आवेदन पत्र मिलेगा, उसे ध्यान से भरें।
दस्तावेज़ जमा करें – नीचे दिए दस्तावेज़ों के साथ फॉर्म जमा करें।
वेरिफिकेशन होगा – अधिकारी आपकी जानकारी की जांच करेंगे।
लाभ मिलेगा – पात्र पाए जाने पर योजना का लाभ सीधे आपके बैंक खाते में ट्रांसफर होगा।

जरूरी दस्तावेज़ कौन-कौन से होंगे?
दस्तावेज़ | क्यों ज़रूरी है |
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आधार कार्ड | पहचान के लिए |
भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र | ज़मीन की पुष्टि के लिए |
बैंक खाता विवरण | DBT (Direct Benefit Transfer) के लिए |
आय प्रमाण पत्र (यदि मांगा जाए) | पात्रता तय करने के लिए |
पासपोर्ट साइज फोटो | फॉर्म के साथ |

योजना से क्या बदलेगा?
प्रधानमंत्री धन‑धान्य कृषि योजना के आने से सरकार को उम्मीद है कि
- कृषि उत्पादकता में इज़ाफा होगा,
- किसान की फसल को बेहतर दाम मिलेगा,
- खेतों तक सिंचाई आसानी से पहुँचेगी,
- और किसान बिना साहूकार के कर्ज से काम चला सकेगा।
इस तरह से आप समझ सकते हैं कि यह योजना सिर्फ सरकारी स्कीम नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत को बदलने की दिशा में एक ठोस कदम है।
Mujhe jaankari achhi lagi tq