किसानों की मुस्कान लौटाई सरकार ने: 17,500 अन्नदाताओं को मिली बाढ़ राहत राशि खेती-किसानी सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि देश की रीढ़ है। लेकिन जब मौसम साथ न दे, तो सबसे ज्यादा मार किसानों पर ही पड़ती है। इस बार मध्यप्रदेश में आई भारी बारिश और बाढ़ ने हजारों किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। ऐसे समय में अगर सरकार समय रहते कदम उठाए, तो यही भरोसा किसान को दोबारा खड़ा कर सकता है। चलिए जानते हैं कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कैसे एक सिंगल क्लिक से हज़ारों किसानों को राहत पहुँचाई और इस योजना का लाभ किन जिलों को मिला।

राहत का बड़ा ऐलान: 17,500 किसानों को मिला सीधा लाभ
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 8 सितंबर 2025 को मुख्यमंत्री निवास के समत्व भवन से एक वर्चुअल कार्यक्रम में प्रदेश के 11 जिलों के 17,500 किसानों के बैंक खातों में ₹20.60 करोड़ की राहत राशि भेजी।यह राशि उन किसानों को दी गई जिनकी फसलें अतिवृष्टि (भारी बारिश) और बाढ़ के कारण बर्बाद हो गई थीं।आपको यह ध्यान रखना होगा कि इस पूरी प्रक्रिया में किसी तरह की कोई कागजी देरी या लाइन में लगने की जरूरत नहीं पड़ी — सिंगल क्लिक से डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से राशि सीधे किसानों तक पहुँची।
किन जिलों को मिला सबसे ज्यादा लाभ?
राज्य के जिन 11 जिलों में बाढ़ और भारी बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, वहां के किसानों को प्राथमिकता दी गई।
मुख्य जिले जिनके किसानों से CM ने संवाद किया
- शिवपुरी: राघवेन्द्र, जगत पाल
- दमोह: सरदार सिंह, संग्राम सिंह
- अशोकनगर: प्रदीप सिंह रघुवंशी, कल्याण सिंह
- धार: ओमप्रकाश, जगदीश
- छतरपुर: रमेश, प्रकाश
- रायसेन: अरविंद, अमर सिंह
इन जिलों के किसान वर्चुअली मुख्यमंत्री से जुड़े और अपनी स्थिति साझा की।
मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव किसानों से सीधे संवाद में कहते हुए कहा कि
“प्रदेश के अन्नदाताओं की मुस्कान ही हमारी सरकार की असली ताकत है। जो होना था, हो चुका। अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम उन्हें फिर से खड़ा करें।उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्रदेश का कोई भी किसान बेसहारा नहीं रहेगा, और सरकार हर परिस्थिति में उनके साथ खड़ी है — चाहे सुख हो या दुख।

कितनी बारिश हुई, और कहां-कहां?
मध्यप्रदेश में इस मानसून सीजन (2025) में 1031.2 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 25% अधिक है।
इससे कई इलाकों में खेत जलभराव की चपेट में आ गए और खड़ी फसलें नष्ट हो गईं।
जिला | बारिश (मिमी) |
---|---|
गुना | 1603 |
श्योपुर | 1418.6 |
मंडला | 1417.4 |
रायसेन | 1403.2 |
शिवपुरी | 1354.1 |
राहत राशि कैसे तय होती है?
राजस्व आयुक्त अनुभा श्रीवास्तव ने बताया कि राजस्व पुस्तक परिपत्र (RBC) के नियमों के तहत प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवारों को तत्काल आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है। इससे किसानों को अपनी आजीविका दोबारा शुरू करने में मदद मिलती है। अगर आप किसान हैं और बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, तो अपने क्षेत्र के पटवारी या तहसीलदार से संपर्क कर फसल क्षति का मूल्यांकन करवाना जरूरी है, ताकि आप भी इस राहत का लाभ ले सकें।
निष्कर्ष
इस पूरी योजना को सिर्फ “राशि वितरण” कहकर नहीं टाला जा सकता। यह कदम किसानों के आत्मविश्वास को फिर से जगाने वाला है। जब मौसम साथ नहीं दे, तब सरकार का साथ सबसे जरूरी होता है — और यही इस योजना की सबसे बड़ी खासियत है।
आपको यह ध्यान रखना होगा कि सरकार की योजनाओं का लाभ तभी मिलेगा जब आप सजग रहेंगे, अपनी क्षति की जानकारी समय पर देंगे, और प्रक्रिया में भाग लेंगे।
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