DATE 29/9/2025
राज्य सरकार ने हाल ही में मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना को मंजूरी दी है। इस योजना का उद्देश्य प्रदेश के गांवों को आत्मनिर्भर बनाना है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद द्वारा इस योजना को मंजूरी दी गई, जिसमें प्रत्येक जिले के ऐसे गांवों को चुना जाएगा, जहां 2000 से अधिक जनसंख्या और 500 से अधिक गौ-वंश हों। इस योजना के माध्यम से इन गांवों का समग्र विकास किया जाएगा और इन्हें आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ पूरे प्रदेश के अन्य गांवों के लिए आदर्श बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना के उद्देश्य:
1. गौ-पालन और डेयरी विकास:
मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना का सबसे प्रमुख उद्देश्य है गौ-पालन और डेयरी उद्योग को बढ़ावा देना। इस योजना के तहत गांवों में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने की दिशा में काम किया जाएगा, जिससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि सहकारी समितियों के माध्यम से दुग्ध व्यवसाय का प्रसार भी होगा।
2. पर्यावरण संरक्षण और जैविक कृषि:
पर्यावरण को बचाने और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे। इससे किसानों को रासायनिक उर्वरकों से छुटकारा मिलेगा और वे प्राकृतिक तरीकों से खेती करेंगे, जिससे मिट्टी की सेहत भी ठीक रहेगी।
3. जल संरक्षण:
जल संकट एक गंभीर समस्या बन चुका है। इस योजना के तहत जल संरक्षण की गतिविधियों पर खास ध्यान दिया जाएगा। वर्षा जल संचयन, तालाबों का संरक्षण और नलकूप रिचार्ज जैसी योजनाओं से पानी की बचत होगी और गांवों में जल संकट को दूर किया जा सकेगा।
4. सौर ऊर्जा का प्रोत्साहन:
सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए गांवों में सौर पैनल स्थापित किए जाएंगे। इससे गांवों में बिजली की समस्या दूर होगी और साफ ऊर्जा का उपयोग बढ़ेगा।

वृन्दावन ग्राम में मिलने वाली सुविधाएं:
1. अधोसंरचना विकास:
चयनित गांवों में गौशाला, सामुदायिक भवन, स्वास्थ्य केंद्र, स्कूल भवन, और सौर स्ट्रीट लाइट जैसी बुनियादी सुविधाएं दी जाएंगी। इसके अलावा पार्क, शौचालय, यात्री प्रतीक्षालय और सर्वसुविधायुक्त आजीविका भवन जैसे महत्वपूर्ण भवन भी बनेंगे।
2. जल आपूर्ति और सिंचाई:
इस योजना के तहत हर घर जल और सिंचाई के लिए ड्रिप एरीगेशन जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे जल की बचत होगी और खेती में सहारा मिलेगा।
3. रोजगार के अवसर:
स्वरोजगार और आजीविका केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जहां ग्रामीणों को नंदन फलोद्यान, पोषण वाटिका, और दुग्ध कलेक्शन सेंटर जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। इसके साथ ही, लघु उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में भी काम होगा।
4. स्वच्छता और स्वास्थ्य:
स्वच्छता वाहन, बायोगैस सयंत्र, ग्रे वॉटर मैनेजमेंट, और मल-कीचड़ प्रबंधन जैसी योजनाएं गांवों की साफ-सफाई और स्वच्छता में सुधार करेंगी।

योजना के लाभ:
मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना से गांवों में कई महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे। इस योजना से न केवल आत्मनिर्भर गांवों का निर्माण होगा, बल्कि ग्रामीणों के जीवन स्तर में भी सुधार होगा।
- आर्थिक समृद्धि: गौ-पालन और डेयरी व्यवसाय के माध्यम से ग्रामीणों की आय में वृद्धि होगी।
- स्वच्छता और पर्यावरण: जल और ऊर्जा संरक्षण के साथ-साथ पर्यावरणीय स्वास्थ्य में सुधार होगा।
- आवासन और बुनियादी सुविधाएं: घर-घर जल, बिजली, शौचालय और सड़क जैसी सुविधाओं से गांवों की बुनियादी संरचना मजबूत होगी।
- स्वरोजगार: नये रोजगार के अवसर, विशेषकर कृषि और छोटे उद्योगों के लिए, ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बना देंगे।
निष्कर्ष:
मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना एक व्यापक और सतत विकास की दिशा में एक अहम कदम है। यह योजना न केवल गांवों के समग्र विकास को सुनिश्चित करेगी, बल्कि ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने का मजबूत आधार भी तैयार करेगी। अगर यह योजना सही तरीके से लागू होती है, तो यह एक आदर्श ग्राम का मॉडल प्रस्तुत कर सकती है, जिसे अन्य गांवों द्वारा अपनाया जा सकता है।
समग्र रूप से, यह योजना प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में विकास, समृद्धि और स्वच्छता का नया युग शुरू कर सकती है, और यह समाज के हर वर्ग के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।